Poem by a prostitute

Poem by a prostitute - sexual, adult, dirty, teasing - 123 SMSFUN


मैं आई शहर मे लोगों ने मुझे घूरा,

Bra खोल मेरा दूध पी गए पूरा,

रामू चाचा आए और मेरा दाम बोल दिया,

कुछ कहूं उसके पहले मेरा नाङा खोल दिया,

उनकी हरकत बहुत अच्छी थी,

अगले ही पल उनके हाथ मे मेरी कच्छी थी,

Bed पे चादर रंग बिरंगी थी,

कुछ ही पलों में मैं पूरी नंगी थी,

उनके पास ना i-pill ना निरोध था,

मेरे मन में बस इसी बात का विरोध था,

मैं डरती रही और करती रही,

चुदने से पहले जितना खिल खिला रही थी

Bed पे उतना ही मैं चिल्ला रही थी,

लं़ड उनका मेरी चूत की वादियों मे खो गया.

अब नीचे देखिए आपका भी खङा हो गया!

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